बिन पेंदी के नेता की चमत्कारी छलांग: जी-हजूरी से पहुँचे जिला मंत्री की कुर्सी तक, पार्टी में मचा घमासान

“बिन पेंदी के नेता की चमत्कारी छलांग: जी-हजूरी से पहुँचे जिला मंत्री की कुर्सी तक, पार्टी में मचा घमासान”

रिपोर्ट दीपक राजपूत

हरिद्वार।राजनीति के गलियारों में इन दिनों एक व्यापारी नेता की अचानक हुई तरक्की चर्चाओं का विषय बनी हुई है। लंबे समय तक दूसरी पार्टी में सक्रिय रहकर जब राजनीतिक ज़मीन दरकने लगी, तो इस नेता ने भगवाधारी पार्टी का रुख कर लिया। इसके बाद से लगातार नेताओं की चापलूसी और जी-हजूरी में जुटे इस शख्स को जिला मंत्री जैसे अहम पद से नवाज़ दिया गया है।

सूत्रों की मानें तो हाईकमान के इस फैसले से कई वरिष्ठ नेता नाखुश हैं। उनका कहना है कि जिसने कभी न नगर में स्थायी पकड़ बनाई और न ही ग्रामीण राजनीति में कोई ठोस योगदान दिया, उसे अचानक जिला स्तर की जिम्मेदारी सौंपना हैरान करने वाला कदम है। लोग तंज कसते हुए कह रहे हैं कि यह “बिन पेंदी का नेता” सही मायने में अवसरवाद की मिसाल है।

चर्चा ये भी है कि यह नेता कभी नगर के कद्दावर चेहरों की परछाई में घूमता था तो कभी ग्रामीण नेताओं की चाय-खुशामद में व्यस्त दिखता था। लेकिन भीतर ही भीतर उसने अपनी “जुगत” बुन ली और अब जिला मंत्री की कुर्सी हथिया ली।राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ऐसे फैसले संगठन में असंतोष का कारण बन सकते हैं। सवाल यह भी है कि क्या मेहनत और जनाधार को किनारे कर केवल जी-हजूरी के दम पर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ना पार्टी की मजबूती को नुकसान नहीं पहुँचाएगा? आने वाला समय बताएगा कि यह प्रयोग सफल होगा या असफल।