आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या बनी परेशानी का सबब, किसानों के खेतों पर मंडरा रहा संकट

आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या बनी परेशानी का सबब, किसानों के खेतों पर मंडरा रहा संकट

 

रिपोर्ट रजनीश सैनी 

जनहित इंडिया 

लक्सर के नजदीकी गाँवों और कस्बों में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या अब बड़ी समस्या बनती जा रही है। सड़कों से लेकर खेतों तक, हर जगह गाय-बैल, सांड जैसे पशु खुले घूमते दिखाई देते हैं। इन पशुओं से सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं, जिनकी मेहनत से लहलहाती फसलें रातोंरात बर्बाद हो जाती हैं।

किसान संदीप सिंह ने बताया कि जैसे-तैसे वे अपनी फसलों को सींचते हैं, खाद-बीज का खर्च उठाते हैं, लेकिन जब फसल कटाई का समय आता है, तो आवारा पशु खेतों में घुसकर सब चौपट कर देते हैं। कई जगहों पर किसानों को रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करनी पड़ती है।

पशुओं को सड़कों पर छोड़ देना आजकल आम बात हो गई है। जो कि बड़ी वाहन दुर्घटना का कारण भी बनती है।

गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले हर घर में मवेशियों की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन अब लोग पशुपालन से दूरी बना रहे हैं। दूध न देने वाले पशुओं को छोड़ दिया जाता है, जिससे समस्या और बढ़ रही है।

किसानों का कहना है

जब तक कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं होता, तब तक आवारा पशुओं की यह बढ़ती फौज किसानों की मेहनत पर पानी फेरती रहेगी।